भाषा (Language)
भाषा की परिभाषा(Definition of language) - "मानवीय संवेदनाओं के अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा कहलाती है।"
भाषा के प्रकार (Types of language) -
- व्यक्त भाषा (Expressed Language)
- अव्यक्त भाषा (Unexpressed Language)-
- मौखिक (Verbly or Oraly)
- लिखित (Written )
2. अव्यक्त भाषा (Unexpressed Language)- ऐसी भाषा जिसे व्यक्त ना किया जा सके।
माध्यन संकेतिक- (ट्रैफिक सिग्नल, रंग, ईशारे)
भाषा परिवार (Language family) -
"जब किसी भाषा का जन्म एक मूल भाषा से हो उसे भाषा परिवार कहा जाता है। "
संपूर्ण विश्व की भाषाओं को 13 भाषा परिवार में विभक्त किया गया है।
- भारोपीय
- द्रविड़
- आय
- चीनी तिब्बती
- काकेशस
- सूडानी
- जापानी (कोरियायी)
- अमेरिकन (रेड इंडियन)
- सेमेटिक-हेमेटिक
- यूरान
- मलय (पॉलिनेशियन) है।
भारतीय भाषा परिवार
1. भारोपीय = भारत+यूरोपीय (78.07%)
सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली भाषा समूह
इसे प्राक् आर्य भाषा भी कहते हैं।
भारतीय आधार पर - संस्कृत
यूरोपीय आधार - पर ग्रीक, जर्मन, ईरानी, स्सी, फारसी, फ्रांसीसी, अंग्रेजी, लैटिन
2.द्रविड़ भाषा परिवार (दक्षिण भारत) (Dravidian )( 19.64%)
तमिल, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, गोड तथा ओराव आते हैं।यह भारत की दूसरी बड़ी भाषा परिवार है।
इसका प्रयोग छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, बिहार तथा उड़ीसा के कुछ क्षेत्रों में किया जाता है।
3. आग्रेय भाषा परिवार (Astro) (1.11% )
इसे आस्ट्रो, आग्नेय, एशियाटिक भाषा परिवार भी कहा जाता है तथा इसे बालने वाले किरात कहलाते हैं।मध्य तथा पूर्वी क्षेत्रों में जनजातियों द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है।
झारखण्ड, छत्तीसगढ़, असम, उडिसा, पश्चिम बंगाल में इसका प्रयोग होता है।
4. चीनी-तिब्बती भाषा परिवार (Chini-Tibbati) (1.01% )
यह सबसे कम प्रयोग होने वाली भाषा परिवार है इसके प्रयोक्ताओं को निषाद कहा जाता है।प्रत्येक शब्द का एक अक्षर होने पर एकाक्षरी भाषा परिवार भी कहलाता है।
इसमें अक्षर परिवर्तन नही होता यह अयोगात्मक है इसका व्याकरण नहीं होता तथा अनुनासिक्य ध्वनि का प्रयोग किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैण्ड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, म्यमार के साथ चीन तिब्बत, मणीपुर तथा थाइलैण्ड में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
भाषा के स्वरूप (Forms of Language)-
1. बोली (Dialect) -
स्थानीय बोलचाल की भाषा सामाजिक, पारिवारिक तथा सीमित परिवेश में प्रयोग होने वाली भाषा बोली प्रांतीय, क्षेत्रीय तथा मातृभाषा कहलाती है।
जैसे- अवधी बघेली
2. उपबोली (Subdialect) -
किसी मुख्य बोली के अंतर्गत आने वाली बोली उपयोली कहलाती है।
जैसे-छत्तीसगढ़ के अंतर्गत गढ़बा, खडिया आदि।
3. उपभाषा (विभाषा ) (Language of Litt.)-
जब दोली लिखित स्वरूप धारण कर साहित्यिक प्रयोग होने लगती है तब वह उपभाषा विभाषा कहलाती है। इसे साहित्यिक भाषा भी कहा जाता है जैसे अवधी, राजस्थानी ब्रज भाषा
4. परिष्कृत भाषा (Standard Language)-
जब कोई बोली व्याकरण के सांचे में वलकर शुद्ध रूप धारण करती है तब वह परिष्कृत भाषा कहलाती है।
जैसे- खड़ी बोली।
5. संपर्क भाषा (Link Language)-
दो भिन्न भाषागत व्यक्तियों के मध्य जब कोई भाषा उनके बीच संपर्क का कार्य करे तब वह भाषा संपर्क भाषा कहलाती है।
जैसे- हिन्दी
6. लक्ष्य भाषा (Target Language)-
किसी आधार भाषा को लक्ष्य मानकर उसके उद्देश्य को पूर्ण करने वाली भाषा लक्ष्य भाषा कहलाती है।
जैसे- हिन्दी, अंग्रेजी
7. राजभाषा (State Language)-
व्याकरण सम्मत शुद्ध शासन द्वारा मान्य प्रशासनिक कार्यों के संपादन हेतु प्रयुक्त भाषा राजभाषा होती है
जैसे- हिन्दी, अंग्रेजी
8. राष्ट्रभाषा (National Language)-
समस्त राष्ट्र में प्रयुक्त आमजन की भाषा जिसका प्रयोग किसी देश की बहुसंख्यक जनता अपने संपर्क हेतु राष्ट्रीय एकता सांस्कृतिक पहचान की परिचायक हेतु करती है राष्ट्रभाषा कहलाती है
जैसे -हिन्दी
9. मानक भाषा (Standard Language)-
शासन द्वारा मान्य व्याकरणिक नियमों से शुद्ध भाषा का वह स्वरूप जो उस भाषा के प्रयोक्ताओं के अलावा अन्य भाषा: भाषी हेतु आदेश होता है जिसके द्वारा वे उसे सीखते तथा प्रयोग करते हैं। मानक भाषा होती है
जैसे-हिन्दी
हिन्दी के अन्य नाम
1) रेख्ता ,2) भाषा या भाखा ,3) दक्खिनी या दक्कनी ,4) हिन्दी हिन्दवी/हिन्दुई/,5 जवान-ए-हिन्दी देहलवी
1. क्षेत्र विशेष - हिन्दी क्षेत्र हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, राजस्थान, अडमान निकोबार द्वीप समूह
2. संपर्क क्षेत्र - गुजरात, महाराष्ट्र पंजाब, बंगाल, उडिसा, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद।
3. अहिन्दी भाषी - शेष भारत
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